उत्तर (a). भारत के संविधान का भाग प्प् (अनुच्छेद 5-11) भारत की नागरिकता से संबंधित है।
अनुच्छेद 5 - संविधान के प्रारंभ में नागरिकता
इस संविधान के प्रारंभ में, प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्यक्षेत्र में अधिवास है एवं -
- जो भारत के क्षेत्र में पैदा हुआ था या
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जिनके माता-पिता में से कोई भी भारत के क्षेत्र में पैदा हुआ था या
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जो भारत के राज्य क्षेत्र में सामान्य रूप से इस तरह के प्रारंभ से कम से कम पांच साल पहले से निवास कर रहा है, वह भारत का नागरिक होगा।
अनुच्छेद 9 - किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का नागरिक नहीं होना
कोई भी व्यक्ति अनुच्छेद 5 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं होगा या अनुच्छेद 6 या अनुच्छेद 8 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा यदि उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है। अतः कथन 1 सही है।
अनुच्छेद 10 - नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता
प्रत्येक व्यक्ति जो इस भाग के पूर्वगामी प्रावधानों में से किसी के तहत भारत का नागरिक है या माना जाता है, संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून के प्रावधानों के अधीन, ऐसा नागरिक बना रहेगा।
नागरिकता से वंचित (धारा 10 या भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955)
वंचन भारत की नागरिकता की अनिवार्य समाप्ति है। भारत के एक नागरिक को देशीयकरण, पंजीकरण, अधिवास एवं निवास द्वारा केंद्र सरकार के एक आदेश द्वारा उसकी नागरिकता से वंचित किया जा सकता है यदि वह संतुष्ट है कि -
नागरिक ने धोखाधड़ी, झूठे प्रतिनिधित्व या किसी भौतिक तथ्य को छिपाने के माध्यम से नागरिकता प्राप्त की है,
नागरिक भारत के संविधान के प्रति निष्ठाहीन रहा है,
नागरिक ने युद्ध के दौरान दुश्मन के साथ अवैध रूप से व्यापार या संचार किया है,
नागरिक, पंजीकरण या निष्प्रभावीकरण के बाद पांच वर्ष के भीतर, किसी भी देश में दो साल के लिए कैद हो गया है,
नागरिक सामान्य रूप से लगातार सात वर्षों से भारत से बाहर का निवासी है।
अतः कथन 3 सही नहीं है।
संविधान का अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के पद के लिए पात्र होने के लिए प्रमुख योग्यताएं निर्धारित करता है। एक राष्ट्रपति होना चाहिएरू भारत का नागरिक, 35 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना चाहिए।
राष्ट्रपति के रूप में विदेशी मूल के भारतीय नागरिक की व्याख्या करने वाला कोई लिखित प्रावधान नहीं है।
अतः कथन 2 सही नहीं है।